कमजोर प्रदर्शन और लंबे समय से जमे कांग्रेस जिलाध्यक्ष हटेंगे
पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी शिकस्त झेल चुकी कांग्रेस मप्र में जिलास्तर पर बड़े संगठनात्मक बदलाव की तैयारी में है। हाईकमान के निर्देश के मुताबिक मप्र में 50 फीसदी से ज्यादा जिलाध्यक्षों को बदलने की तैयारी है। लंबे समय से पद पर रहे और कमजोर प्रदर्शन वाले जिलाध्यक्षों को हटाया जाएगा। साल 2028 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी मप्र में संगठन को मजबूती देना चाहती है। बदलाव में ऐसे जिलाध्यक्ष हटेंगे, जो कई सालों से पद पर काबिज हैं या जिनके क्षेत्र में कांग्रेस चुनावों में कमजोर प्रदर्शन करती रही है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बहुत से जिलों में अध्यक्ष पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के कार्यकाल में बने थे। अब पटवारी अपनी टीम बनाने की तैयारी में हैं। ग्वालियर शहर अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा 2018 से पद पर हैं। इनके अलावा कई जिलों के अध्यक्ष भी लगभग 10 से 12 साल से पदों पर आसीन है। वहीं खंडवा, रायसेन जैसे कई जिलों में कई साल से जिलाध्यक्ष ही नहीं हैं। 3 अप्रैल को राहुल गांधी के साथ चर्चा में जिलाध्यक्षों ने नियुक्तियों और टिकट की प्रक्रिया में अधिकार मांगे थे। राहुल ने कहा था उन्हें पार्षद से लेकर लोकसभा में टिकट प्रक्रिया में शामिल करने का प्रस्ताव बनेगा। साथ ही पार्टी संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रदेश अध्यक्ष इस लिस्ट को फाइनल कर चुके हैं। जल्द ही जिलों में नये कांग्रेस अध्यक्षों को जिम्मेदारी दी जा सकती है। अंतिम दौर में भी कई नेता लाबिंग में जुटे है।