राज्यपाल सचिवालय द्वारा 18 महीने पहले ग्वालियर चंबल संभाग में किए गए 1000 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में मध्य प्रदेश आरटीआई फाउंडेशन के अध्यक्ष संजय दीक्षित द्वारा दिए गए ज्ञापन की जांच करने जारी आदेशों का 18 महीने बाद भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ग्वालियर पर क्षेत्र के मुख्य अभियंता आर एल एस मौर्य और अधीक्षण यंत्री आर के सिंह द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है।
पीएचई में 1000 करोड़ के भ्रष्ट सिंडिकेट के किए गए जल जीवन मिशन घोटाले मैं केंद्रीय गृहमंत्री शाह को आरटीआई फाउंडेशन ने भेजा ज्ञापन एडवोकेट संजय दीक्षित ने चीफ इंजीनियर और अधीक्षण यंत्री के खिलाफ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भेजे गए ज्ञापन में राज्यपाल सचिवालय द्वारा अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मध्य प्रदेश के नाम 18 जून 2024 को जारी किए गए पत्र क्रमांक 3299 हवाला देते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के बड़े मामले में कार्रवाई करने मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रमुख अभियंता संजय अंडमान के नाम 15 अक्टूबर 20 24 को भेजे गए निर्देशों का पालन करने प्रमुख अभियंता द्वारा ग्वालियर रीजन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के चीफ इंजीनियर आरएल एस मौर्य को 25 दिसंबर 20 24 को प्रधानमंत्री के महात्मा गांधी जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत ग्वालियर पर क्षेत्र में किए गए 1000 करोड़ के भ्रष्टाचार की शिकायत के संबंध में स्पष्ट अभी मत सहित जांच प्रतिवेदन मांगा गया था जो उन्होंने आज तक भोपाल मुख्यालय नहीं भेजा है जिसका मुख्य कारण मेरे द्वारा की गई शिकायत मैं उल्लेखित तथ्यों को सत्य साबित करने पर्याप्त आधार है जिसकी उच्च स्तर पर जांच होने के साथ ही दोषी मुख्य अभियंता मौर्य और उनके कृपा पात्र प्रभारी अधीक्षण यंत्री तथा भिंड के कार्यपालन यंत्री के दोहरे प्रभारो का दायित्व निभा रहे आरके सिंह सहित उनके अधीनस्थ 17 कार्यपायांत्रियों कै दोषी सिंडिकेट के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 सहित धारा 223 के तहत तत्काल जांच कराकर एफ्आईआर दर्ज करने की मांग की है।