युवा पीढ़ी नवाचार के माध्यम से भविष्य की दिशा तय कर सकती हैः प्रोफेसर आरजे राव
आईटीएम ग्वालियर में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ‘ग्रीन इनोवेशन फाॅर सस्टेनेबल डेवलपमेंट‘ थीम पर व्याख्यान आयोजित
- आईटीएम हमेशा से छात्रों को पर्यावरण और समाज के लिए उत्तरदायी बनाने की दिशा में कार्य करता हैः डीन एकेडमिक डाॅ. एसएस चौहान
- निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
ग्वालियर । आईटीएम ग्वालियर में राष्ट्रीय सेवा योजना (रासेयो), इको क्लब एवं इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेल (आईआईसी) के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ‘ग्रीन इनोवेशन फाॅर सस्टेनेबल डेवलपमेंट‘ थीम पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। जहां मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. आरजे राव (प्रोफेसर, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर), विशिष्ट अतिथि के रूप में ग्वालियर संभाग के डिप्टी कमिश्नर शिव प्रसाद शामिल हुए। इस अवसर पर आईटीएम ग्वालियर के डीन एकेडमिक डाॅ. एसएस चौहान, डीन रिसर्च डाॅ. दीपेश भारद्वाज, प्रेसिडेंट आईआईसी डाॅ. मनोज बंदेल, डीएसडब्ल्यू नितिन दीक्षित, कार्यक्रम संयोजक नरेंद्र कुमार वार्मा (कार्यक्रम अधिकारी रासेयो आईटीएम), आईआईसी कोर्डीनेटर शाहिद अमीन, मुकेश हेमनानी, नरोत्तम सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, डीन, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
युवा पीढ़ी नवाचार के माध्यम से भविष्य की दिशा तय कर सकती हैः प्रोफेसर आरजे राव
आईटीएम ग्वालियर में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ‘ग्रीन इनोवेशन फाॅर सस्टेनेबल डेवलपमेंट‘ थीम पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. आरजे राव (प्रोफेसर, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर) ने कहा कि पर्यावरण संकट का समाधान केवल तकनीकी नहीं, नैतिक और व्यवहारिक परिवर्तन से संभव है। युवा पीढ़ी नवाचार के माध्यम से भविष्य की दिशा तय कर सकती है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में ग्वालियर संभाग के डिप्टी कमिश्नर शिव प्रसाद ने शासन स्तर पर चल रही योजनाओं की जानकारी दी और युवाओं से आग्रह किया कि वे पर्यावरणीय अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाएं।
आईटीएम हमेशा से छात्रों को पर्यावरण और समाज के लिए उत्तरदायी बनाने की दिशा में कार्य करता हैः डीन एकेडमिक डाॅ. एसएस चौहान
विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ‘ग्रीन इनोवेशन फाॅर सस्टेनेबल डेवलपमेंट‘ थीम पर आयोजित व्याख्यान आईटीएम ग्वालियर के डीन एकेडमिक डाॅ. एसएस चौहान ने कहा कि आईटीएम हमेशा से छात्रों को पर्यावरण और समाज के लिए उत्तरदायी बनाने की दिशा में कार्य करता रहा है।
वहीं डॉ. दीपेश भारद्वाज (डीन रिसर्च) ने शोध आधारित समाधान और छात्र परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर बल दिया।
वहीं डॉ. मनोज बंदेल (प्रेसिडेंट, आईआईसी) ने कहा ग्रीन इनोवेशन के क्षेत्र में स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन छात्रों के लिए नए अवसर पैदा कर सकते हैं। आईआईसी का उद्देश्य छात्रों को ऐसे प्लेटफॉर्म प्रदान करना है।”
नितिन दीक्षित (डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर) ने कार्यक्रम में युवाओं की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि एनएसएस, ईको क्लब और आईआईसी जैसे प्लेटफॉर्म छात्रों को समग्र विकास का अवसर देते हैं।
निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
आईटीएम ग्वालियर में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ‘ग्रीन इनोवेशन फाॅर सस्टेनेबल डेवलपमेंट‘ थीम पर संस्थान के ‘अरुणा आसफ अली हाॅल में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। जहां छात्र-छात्राओं ने ग्रीन इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी, अक्षय ऊर्जा, पर्यावरणीय संकट और समाधान जैसे विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को दोपहर में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
अतिथियों ने प्रदान किए पुरस्कार
आईटीएम ग्वालियर में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रिंस सागर (आईटी विभाग, प्रथम वर्ष) ने कहा कि निबंध लेखन प्रतियोगिता में भाग लेकर मुझे अपनी अभिव्यक्ति और विचारों को प्रस्तुत करने का एक सशक्त मंच मिला। इस अनुभव से मुझे न केवल आत्मविश्वास मिला, बल्कि लेखन कौशल को निखारने का अवसर भी प्राप्त हुआ। मैं आयोजकों को इस रचनात्मक अवसर के लिए धन्यवाद देता हूँ।
वहीं द्वितीय स्थान पर रहीं साक्षी तोमर (साइबर सुरक्षा विभाग, प्रथम वर्ष) ने कहा कि इस प्रतियोगिता ने मुझे अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की प्रेरणा दी। विषय अत्यंत प्रासंगिक था और उस पर लिखते समय मैंने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को और गहराई से समझा। मैं सभी आयोजकों और निर्णायकों का आभार प्रकट करती हूँ।
इसी तरह द्वितीय स्थान पर रहे यशराज सिंह चौहान (डेटा साइंस विभाग, प्रथम वर्ष) ने कहा कि मैं इस पुरस्कार को पाकर अत्यंत उत्साहित हूँ। निबंध लेखन के दौरान मैंने शोध किया, सोचा और सीखा कि किस प्रकार हम छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। मैं भविष्य में भी इसी प्रकार की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित हूँ।
वहीं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालीं दीपांशी (सीएस-एआईएमएल विभाग, प्रथम वर्ष) ने कहा कि इस प्रतियोगिता ने मुझे सामाजिक मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और उन्हें शब्दों में ढालने का अवसर दिया। यह अनुभव मेरे लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा। मैं आयोजकों और शिक्षकों का धन्यवाद देती हूँ जिनकी प्रेरणा से मैंने यह उपलब्धि प्राप्त की।