जीवाजी विश्वविद्यालय में द्वितीय पूर्व-छात्र सम्मेलन 1 अक्टूबर को
भौतिकी अध्ययन शाला, जीवाजी यूनिवर्सिटी के 52 वर्ष पूर्ण होने पर भूतपूर्व विद्यार्थियों की एलुमनी मीट 1 अक्टूबर रविवार को प्रातः 9 बजे से शाम 6 बजे तक भौतिक अध्ययनशाला के सभागार में आयोजित होगा । जिसमें भौतिकी अध्ययनशाला से शिक्षा प्राप्त कर देश-विदेश में कार्यरत भूतपूर्व विद्यार्थी सम्मिलित होंगे।इस अवसर पर सभी उपस्थित गुरुजनों का सम्मान किया जाएगा।
मीट में 1971से 73 प्रथम बैच से लेकर 2023 तक के बैच के छात्र एलुमनी मीट में शामिल होंगे। इस पूर्व छात्र सम्मेलन में पंजाब नैशनल बैंक से अरुण मोरे जी, प्रोफेसर एके श्रीवास्तव, शासकीय विज्ञान महाविद्यालय से प्रोफेसर अग्रवाल, प्रोफेसर शरद भदोरिया, डॉ नागेंद्र चतुर्वेदी, डॉ अशोक बरैया, गजेंद्र रायपुरिया, विनोद शर्मा, प्रदीप पांडे, कृष्णकांत पाराशर, प्राचार्य पीजीवी महाविद्यालय डॉ विजय गुप्ता, शासकीय कमला राजा महाविद्यालय से प्रोफेसर सुकृति घोष, शासकीय विजयराज कन्या महाविद्यालय मुरार से डॉ. ममता राठौर, डॉक्टर श्वेता पाराशर, एल.आई.सी. प्रबंधक विमलेश दुबे, भारतीय स्टेट बैंक से अजय जादौन, मध्य प्रदेश शासकीय सेवा से ब्रह्मेंद्र गुप्ता, सुधीर शर्मा, दीपक शुक्ला, बृजेश अगरैया, आर आर कैट इंदौर से वैज्ञानिक डॉ. मनोज गुप्ता, टाटा इंस्टीट्यूट मुंबई से प्रो. अशोक वर्मा, कैंसर प्रोटीन विशेषज्ञ, मुंबई से कंप्यूटर विशेषज्ञ डॉक्टर पूर्णिमा पांडे, भारतीय तट रक्षक मार्शल सुजीत द्विवेदी, डिप्टी सेक्रेटरी वित्त विभाग छत्तीसगढ़ सरकार रिषभ पाराशर,पत्रकार रवीन्द्र उपाध्याय, देहली शिक्षा विभाग से डॉ प्रमोद कटियार, ऐ जी ऑफिस से ऑडिट अधिकारी प्रभात शर्मा, श्री अटल बिहारी वाजपेई IIITM से प्रो. पंकज श्रीवास्तव, फोरेंसिक अधिकारी अतुल मित्तल, खनिज अधिकारी दीपक सक्सेना प्रमुख हैं।
इस पूर्व छात्र सम्मेलन के आयोजन का मुख्य प्रयोजन पूर्व छात्रों के द्वारा वर्तमान छात्रों का मार्गदर्शन करना एवं उनको उत्साहित एवं प्रोत्साहित करना होगा। इसके साथ ही पूर्व छात्रों के द्वारा वर्तमान छात्रों हेतु ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट में सहयोग प्रदान करना होगा जिससे वर्तमान छात्र का भविष्य उज्जवल हो सके और वह विभाग का नाम रोशन कर सकें। इसके लिए कार्यक्रम में एक वन 2 वन इंटरेक्शन का सेशन रखा गया है जिसमें पूर्व छात्र आपस में डिस्कस कर यह सब निर्धारित करेंगे कि किस तरह वर्तमान एवं भविष्य में आने वाले छात्रों को लाभ मिल सके।