स्वामी विवेकानन्द युवा शक्ति मिशन प्रारंभ करने की मंत्रि-परिषद ने दी स्वीकृति

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के युवाओं के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के उद्देश्य से युवा-उन्मुखीकरण की गतिविधियों को समन्वित रूप से एक ही मंच पर लाने के लिए स्वामी विवेकानन्द युवा शक्ति मिशन प्रारंभ करने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2024 के अवसर पर प्रदेश में चार मिशन अन्नदाता (किसान) कल्याण, युवा शक्ति, नारी शक्ति और गरीब कल्याण को लागू करने की घोषणा की थी। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वामी विवेकानन्द युवा शक्ति मिशन, युवाओं के उन्मुखीकरण की गतिविधियों को समन्वित करने के लिए एक साझेदारी मंच का निर्माण करेगा, जिससे राज्य के विकास को बढ़ावा मिलेगा। स्वामी विवेकानन्द की जयंती 12 जनवरी 2025 (युवा दिवस) के अवसर पर मिशन प्रारंभ किया जायेगा। मिशन के प्रमुख उद्देश्य युवाओं में आत्म-विश्वास निर्माण, प्रतिस्पर्धा के लिए तैयारी के साथ उनके कौशल उन्नयन और प्रतिभा को निखारने की गतिविधियों को बढ़ावा देना है। मिशन के प्रमुख घटक संवाद, सामर्थ्य (योग्यता) और समृद्धि, है।
मिशन के तीन प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किए गये है। पहला लक्ष्य-प्रत्येक युवाओं की आय का स्तर न्यूनतम कुशल श्रेणी श्रमिक की दर के बराबर लक्षित करना। दूसरा लक्ष्य-प्रत्येक युवा को कक्षा 12वीं तक के स्तर तक शिक्षा पूरी कराने के लिये प्रयास करना। यह लक्ष्य 10वीं में वर्ष 2028 तक तथा 12वीं में वर्ष 2030 तक हासिल किया जायेगा। तीसरा लक्ष्य-प्रत्येक युवा को समाज के हित में सामाजिक पहल का हिस्सा बनाना है। वर्ष 2030 तक 70 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की जायेगी।मंत्रि-परिषद द्वारा पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत सहकारी प्रणाली और सांची ब्राण्ड को बड़ा बनाने के उद्देश्य से एम.पी. स्टेट को-ओपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड एवं संबद्ध दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के मध्य होने वाले सहकार्यता अनुबंध (कोलेबोरेशन एग्रीमेंट) पर सहमति दी गयी। यह निर्णय मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की आय दोगुनी करने एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
एम.पी. स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड एवं राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मध्य कोलेबोरेशन एग्रीमेंट के अनुसार दूध की खरीद सुनिश्चित करने एवं सही कीमत दिलाने में मदद के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में कलेक्शन सेन्टर स्थापित किए जाएंगे। दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जायेगी। इस तरह अगले 5 सालों में लगभग 1500 करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा। दुग्ध समितियों की संख्या 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार की जायेगी। इस तरह दूग्ध संकलन 10.50 लाख किलोग्राम से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम किया जायेगा। दुग्ध उत्पादकों की कुल वार्षिक आय 1700 करोड़ रूपये से दोगुना कर 3500 करोड़ रूपये किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। सांची ब्रांड का और व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाकर राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जायेगा।

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