क्या नारू दादा को हरवाया गया ? ,दतिया में गली-गली चर्चा

विनय अग्रवाल
ग्वालियर। क्या गृहमंत्री डा नरोत्तम मिश्रा के लिये भाजपा मूल संगठन के लोगों ने जान बूझकर काम नहीं किया या उन्हें भाजपाईयों ने जान बूझकर खिलाफ वोटिंग करवा कर हरवा दिया। यह आजकल दतिया में गली-गली चर्चा का विषय है। दतिया के आम लोगों को गृहमंत्री डा नरोत्तम मिश्रा यानि सबके चहेते दादा बनाम नारू दादा की हार पच नहीं रही है। लोग रूआंसे है और वाटसएप व सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तरह -तरह की बात भी कर रहे हैं कि उन्हें जानबूझकर  ईशारा करके हरवा गया है ताकि वह सीएम पद की दावेदारी में अड न जायें। 
इस सबके बाद हालांकि डा नरोत्तम मिश्रा ने प्रत्यक्ष कुछ नहीं कहा है, लेकिन उन्होने शेरों और शायरी में अपनी पीडा जरूर व्यक्त कर दी है। उन्होंने बीती देर रात रेल से भोपाल जाते वक्त भी यह कहा कि चुप हो जाओ जालिमों, तेरी जीत से ज्यादा मेरी हार के चर्चे हैं। 
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों ने सिर्फ कांग्रेस को नहीं बल्कि सत्ता पक्ष को भी हैरान किया है। शिवराज कैबिनेट के 33 में से 12 मंत्री चुनाव हार गए. जिसमें सबसे बड़ा नाम प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का है, जो दतिया विधानसभा सीट से चुनाव हारे है । जबकि हर सर्वे व रिपोर्ट में डा नरोत्तम मिश्रा की सीट सबसे सुरक्षित मानी जाती रही है।  वहीं इस हार के बाद नरोत्तम मिश्रा के लगातार वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें कभी वे भावुक होते नजर आ रहे हैं, तो कभी शेरो-शायरी कर रहे हैं।
बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा की हार सियासी चर्चा का विषय बन गई है. किसी को यकीन नहीं था कि प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा यह चुनाव हार जाएंगे. वहीं हार के बाद वह भावुक हुए। डा नरोत्तम मिश्रा रेलवे स्टेशन में ट्रेन की गेट पर खड़े होकर कहा कि इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ए बेखबर...तेरी जीत से ज्यादा चर्चे मेरी हार के हैं।
वहीं इससे पहले उन्होंने यह कहा था कि मुझे हारा हुआ समझने की गलती मत कीजिएगा, समुद्र का लौटता हुआ पानी उतरता हुआ दिखे तो वहां घर पर मत बना लेना, मैं वापस लौटकर आऊंगा और दोगुनी गति व ऊर्जा से वापसी करूंगा।
वहीं इस शायरी को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है की नरोत्तम मिश्रा एक अलग अंदाज के व्यक्ति हैं और जिस तरह से उनको यह हार का झटका लगा है. वह उससे काफी विचलित हुए हैं। यही वजह है कि वह अपने कार्यकर्ताओं के सामने इस तरह शायरी कहकर एक संदेश दे रहे हैं।
पिछले 30 साल से लगातार जीतते आ रहे नरोत्तम मिश्रा बीजेपी सरकार में एक कद्दावर मंत्री रहे हैं। उन्हें संकट मोचक भी कहा जाता रहा है। 2019 में ऑपरेशन लोटस में भी उनकी भूमिका थी और कमलनाथ सरकार गिराने में उनका अहम रोल था। सरकार जब किसी मुददे पर घिरती थी, तो नरोत्तम मिश्रा फ्रंट फुट पर आकर सरकार के बचाव में खड़े हो जाते थे और विपक्ष के सवालों का जवाब देने को तैयार रहते थे।
वहीं दतिया के ही कुछ लोगों का कहना है कि नारू दादा को उनके खास लोगों का जमावडा व उनका हमेशा नारू दादा से चिपका रहना ले डूबा, जिससे आम लोगों से उनकी दूरियां बढती गई । जबकि पूर्व में यही नारू दादा दतिया के लोगों की आंखों का तारा थे। 

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