माखनचोरी की लीला देख मुग्ध हुए श्रद्धआलु -सनातन धर्म मंदिर में पांचवे दिन बाललीला व गोवर्धन लीला का वर्णन
ग्वालियर। सनातन धर्म मंदिर में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा का पांचवा दिन माखनचोर श्रीकृष्ण की बाललीलाओं के नाम रहा। व्यासपीठ से वं संतोष कांकौरिया लीलाओं का सरस गान कर रहे थे और मंदिर प्रांगण में मौजूद श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर नृत्य कर रहे थे। मटकी फोडऩे की लीला में तो भक्त इतने लीन हो गए कि सुधबुध खोकर एक दूसरे पर जमकर माखन से ही होली खेलने लगे। सोमवार को माखनचोरी की लीलाओं के दौरान उन्होंने कहा कि कथा के दौरान चित्त यदि भगवान की झांकियों में लग जाए,तो यही कथा की सार्थकता है। इस दौरान सरस भजनों पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। पं कांकौरिया ने बनाया कि यशोदा मैया के यहां काम करने के लिए अनेक सेवक थे, लेकिन श्रीकृष्ण ने के लिए माखन वो खुद ही रोज बिलोती थीं,लेकिन आजकल माताएं घर में रसोई पकाने से ज्यादा बाहर के खाने में अधिक रुचि लेनी लगी हैं, यह ठीक नहीं हैं. इससे बच्चों को स्वास्थ्य तो खराब होगा, साथ ही बाहर के खाने में वो भाव कभी नहीं आ सकता है तो मां के हाथ से बनाए हुए भोजन मेें होता है, इसलिए कहा गया है कि जैसा खाओगे अन्न, वैसा बनेगा मन। अपराध को जन्म देती है मदिरा उन्होंने कहा कि ब्रह्म मुहूर्त में जागकर यदि प्रभु को भजन करोगो, तो निश्चिततौर पर न सिर्फ आपक ा मन प्रसन्न होगा, बल्कि भगवान भी जरूर प्रसन्न होंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग मदिरापन करते हैं और दूसरी स्िित्रयों में रुचि रखते हैं, उनसे जाने अनजाने में अपराध हो ही जाता है, इसलिए इन व्यसनों से दूर रहें। गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए उन्होंने प्रकृति के महत्व को बताया और कहा कि भगवान कृष्ण ने गोवर्धन उठाकर प्रकृति पूजा का संदेश दिया। वे गायों की सेवा करते थे। यदि हमें प्रकृति का संरक्षण नहीं करेंगे तो हमारा जीवन कठिन होता चला जाएगा। गायों क्े लिए चारा और पानी की व्यवस्था सभी को करना चाहिए। इस मौके पर गुरूदेव बालेंदु दुबे, कथा परीक्षत नीता रामबिहारी दुबे, जयदेवी मिश्रास ,समर्थ, प्रांजल, स्वर्णा, निकुंज, विराज, किट्टू, खुशी, माया भगवानलाल, कौशल्या कमलेश, लता संजय शर्मा, ममता लोकेंद्र मुद्गल सहित सैकड़ों भक्त मौजूद रहे।